पहाड़ों से कहते हैं Lyrics – Ankit Sajwan Ministries & FOLJ Church Worship
पहाड़ों पे हँसते हैं,
मसीहा के दीवाने -2
पहाड़ों से कहते हैं,
मसीहा के परवाने -2
यीशु नाम में उखड़ो,
कलाम से उखड़ो -2
बीमारी के, लाचारी के,
ग़रीबी के पहाड़ों
उखड़ो, उखड़ो, उखड़ो -4
उन चीज़ो को बुलाते हैं,
जो नहीं के जैसे हैं
ना-उमीदी की हालत में,
ईमान लाते हैं -4
ये ना जोर से है,
और ना ताकत से है -2
पाक रूह की ताक़त से कहते हैं
उखड़ो, उखड़ो, उखड़ो -2
ईमान में मजबूत हैं,
तमजीद करते हैं,
खुदावंद के वादों पे,
शक न करते हैं -4
वो लहू से धुले,
और मसह से भरे -2
पाक रूह की ताक़त से कहते हैं
उखड़ो, उखड़ो, उखड़ो -2
मजबूत हैं बलवान हैं,
निराश ना होते हैं,
खुदा के बेटे-बेटियां,
बलवंत होते हैं -4
वो ईमान से भरे,
और चट्टान पर खड़े -2
पाक रूह की ताक़त से कहते हैं
उखड़ो, उखड़ो, उखड़ो -2
पहाड़ों पे हँसते हैं,
मसीहा के दीवाने -2
पहाड़ों से कहते हैं,
मसीहा के परवाने -2 ‘
Original Song Written by: Ps Ernest mall